आज के इस लेख में Hindi Grammar के अंतिम भाग Ras {रस}, छन्द {Chhand} और अलंकार {Alankar} के बारे में बताया गया हैं। मैंने इस वेबसाइट HindiDp.Com पर एक-एक करके सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण भाषा से लेकर पर्यायवाची शब्द, एवं विलोम शब्द तक बता दिया हैं।
अगर आप पुरे हिंदी व्याकरण को एक ही जगह पढ़ना चाहते हैं हमारे वेबसाइट पर आकर पढ़ सकते हैं। तो दोस्तों अब हम आज का यह लेख को शुरू करते हैं।
जिसमे आप रस (Ras) किसे कहते हैं।, छन्द किसे कहते हैं।, अलंकार किसे कहते हैं और रस, छंद और अलंकार के प्रकारों की पूरी जानकारी अच्छे से पढ़ सकते हैं।
Ras, Chhand and Alankar in Hindi – रस, छन्द और अलंकार किसे कहते हैं।
#1. अलंकार किसे कहते हैं और अलंकार के कितने भेद होते हैं
अलंकार (Alankar) – भाषा को शब्दों के अनुपम अर्थ से सुसज्जित करने वाले चमत्कारपूर्ण ढंग को अलंकार कहा जाता। हैं
अलंकार के भेद या प्रकार – Alankar Ke Bhed in Hindi
अलंकार के तीन भेद होते है:
#1. शब्दालंकार – यह शब्दों के चमत्कार और लयात्मकता पर आधारित है। शब्दालंकार के भेद – अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोकित।
#2. अर्थालंकार – जहाँ अर्थ में चमत्कार हो, वहाँ ‘अर्थालंकार’ होता हैं। अर्थालंकार के भेद – रूपक, उपमा, उत्प्रेक्षा, विरोधाभास।
#3. उभयालंकार – जहाँ शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार रहता है, उसे उभयालंकार कहा जाता हैं।
#2. छन्द किसे कहते हैं और छन्द के कितने भेद होते हैं।
छन्द (Chhand) – जो पद रचना, वर्ण, वर्ण की गणना, क्रम, मात्रा, मात्राओं की गणना, गति आदि नियमो से निबद्ध हो, उसे ‘छन्द’ कहा जाता हैं।
छन्द के भेद या प्रकार – Chhand Ke Bhed in Hindi
मात्रा और वर्णक्रम के आधार पर छन्दों के दो भेद हैं –
- 1. मात्रिक छन्द – जिस छन्द में केवल मात्राओं को निश्चित संख्या का बंधन होता हैं, वर्ण-संख्या घट-बढ़ सकती हैं, उसे मात्रिक छन्द कहा जाता हैं।
- 2. वर्णिक छन्द – जिस छन्द में वर्ण संख्या और मात्रा-क्रम का संयोजन होता है और जहाँ वर्णों की मात्राओं का क्रम मुख्य होता है, उसे वर्णिक छन्द कहा जाता है।
मात्रा-संख्या और वर्णक्रम के अनुसार छन्दों के भेद हैं –
- 1. सम छन्द – जिन छन्दों में चारों चरणों में मात्रा संख्या या वर्ण-क्रम एक समान होता है, उसे सम छंद कहा जाता हैं। जैसे – चौपाई, रोला।
- 2. अर्द्धसम छन्द – जिन छंदों में ‘पहले और तीसरे’ तथा ‘दूसरे और चौथे’ चरणों में मात्रा संख्या और वर्ण-क्रम समान होता है, उन्हें अर्द्धसम छन्द कहा जाता हैं। जैसे – दोहा, सोरठा।
- 3. विषम छन्द – जिन छन्दों के चरणों में मात्राओं और वर्णों की संख्या और में असमानता हो, उन्हें विषम छन्द कहा जाता हैं। जैसे – कुंडलिया।
#3. रस किसे कहते हैं और रस के कितने भेद होते हैं।
रस (Ras) – जिसकी अनुभूति ‘ह्रदय’ को हर्ष, ‘मन’ को तन्मयता, ‘विचार’ को एकांतता, ‘शरीर’ को पुलकन, ‘नेत्र’ को दृश्टिसुख और ‘वचन’ को गदगद कर देती हैं, उस चमत्कारी आनंद-विशेष को ‘रस’ कहा है।
रस ‘काव्य’ की आत्मा हैं।
रस के भेद या प्रकार – Ras Ke Bhed in Hindi
काव्य में ‘रस’ के नौ भेद होते हैं:
- 1. शृंगार रस – खंजन मंजु तिरीछे नैननि। निजपति कहहि तिन्हहीं सिय सैननि।।
- 2. वीर रस – जौ राउर अनुसासन पाऊँ। कंदुक इव ब्रह्माण्ड उठाऊँ। काँचे घट जिमि डारऊँ फोरी। सकऊँ मेरु-मूलक इव तोरी।।
- 3. हास्य रस | 4. रौद्र रस | 5. भयानक रस | 6. अद्भुत रस | 7. वीभत्स रस | 8. करुण रस | 9. शांत रस।
अंतिम विचार – Final Thoughts
आज के इस लेख में अपने हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) के एक महत्वपूर्ण चैप्टर Ras, Chhand and Alankar in Hindi – रस, छन्द और अलंकार किसे कहते हैं। के बारे में पढ़ा। जिसमे आपने इसका परिभाषा, उदाहरण इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी जानी।
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