आज के इस लेख में Hindi Grammar के एक महत्वपूर्ण टॉपिक Samas (समास) के बारे में बताया गया हैं। हमने अभी तक इस वेबसाइट पर हिंदी व्याकरण के ढ़ेर सारे महत्वपूर्ण टॉपिक्स के बारे में पढ़ चुके हैं।
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तो चलिए आज हम इस लेख में आपको Samas समास क्या होता हैं।, समास की परिभाषा, समास के सभी भेदों की पूरी जानकारी हिंदी में बता रहे है।
Samas Kise Kahate Hain in Hindi?
Samas (समास) – दो या दो से अधिक पद अपने बीच की विभक्ति को छोड़कर आपस में मिल जाते हैं, तब इसी मेल को ‘समास’ कहा जाता हैं।
समस्त पद या सामसिक शब्द – पदों के मेल से जो शब्द बनता है, उसे ‘समस्त पद’ या ‘सामसिक शब्द’ कहा जाता है।
समास-विग्रह – सामसिक शब्द के पदों को जब ‘विभक्ति’ मिलाकर अलग-अलग किया जाता है, तो इस अलग करने की क्रिया को ‘समास-विग्रह’ कहा जाता हैं।
समास के भेद या प्रकार – Samas Ke Bhed in Hindi
हिंदी व्याकरण में समास के छह (6) भेद होते हैं जो की नीचे अच्छे से बताये गए हैं ➦
- 1 . तत्पुरुष समास
- 2 . कर्मधारय समास
- 3 . द्विगु समास
- 4 . द्वन्द्व समास
- 5 . बहुव्रीहि समास
- 6 . अव्ययीभाव समास
1. तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास ➦ जिस सामसिक शब्द का अंतिम खण्ड प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे ➦
- सिर को तोड़नेवाला ➦ सिरतोड़
- हाथ के लिए कड़ी ➦ हथकड़ी
तत्पुरुष समास के भेद ➦ तत्पुरुष समास के पहले पद में कर्त्ता और सम्बोधन को छोड़कर सभी कारकों की विभक्तियाँ लगती हैं। इस आधार पर इसके छह भेद माने गए हैं ➦
(क.) कर्म-तत्पुरुष ➦
- स्वर्ग को प्राप्त = स्वर्गप्राप्त।
- गृह को आगत = गृहागत।
- सिर को तोड़नेवाला = सिरतोड़।
(ख.) करण-तत्पुरुष ➦
- पद से दलित = पददलित।
- तुलसी द्वारा कृत = तुलसीकृत।
- मद से माता = मदमाता।
(ग.) सम्प्रदान-तत्पुरुष ➦
- देश के लिए भक्ति = देशभक्ति।
- विद्या के लिए आलय = विद्यालय।
- हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी।
(घ.) अपादान-तत्पुरुष ➦
- जन्म से अन्धा = जन्मान्ध।
- बल से हीन = बलहीन।
- देश से निकाला = देशनिकाला।
(ड़.) सम्बन्ध-तत्पुरुष ➦
- अन्न का दाता = अन्नदाता।
- राजा का दरबार = राजदरबार।
- राजा का महल = राजमहल।
(च.) अधिकरण-तत्पुरुष ➦
- पुरुषों में उत्तम = पुरुषोत्तम।
- गृह में प्रवेश = गृहप्रवेश।
- आप पर बीती = आपबीती।
2. कर्मधारय समास
कर्मधारय समास ➦ जिस सामसिक शब्द में विशेष्य-विशेषण और उपमान-उपमेय का मेल हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे ➦
- चन्द्र के समान मुख = चन्द्रमुख।
- नीला जो कमल = नीलकमल।
- पीत है जो अम्बर = पीताम्बर।
3. द्विगु समास
द्विगु समास ➦ जिस सामसिक शब्द का प्रथम पद संख्याबोधक हो, उसे द्विगु समास कहते हैं।
जैसे ➦
- दूसरा पहर = दोपहर।
- तीन नेत्र = त्रिनेत्र।
- तीन कालों का समूह = त्रिकाल।
4. द्वन्द्व समास
द्वन्द्व समास ➦ जिस सामसिक शब्द के सभी पद प्रधान हो, उसे द्वन्द्व समास कहा जाता हैं। ‘द्वन्द्व’ सामसिक शब्दों में दो पदों के बीच योजक (-) चिन्ह रहता हैं।
जैसे ➦
- सीता और राम = सीता-राम।
- माता और पिता = माता-पिता।
- राधा और कृष्ण = राधा-कृष्ण।
5. बहुव्रीहि समास
बहुव्रीहि समास ➦ जो समस्त पद अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ बतलावे, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
जैसे ➦
- जिसके सिर पर चन्द्रमा हो = चन्द्रशेखर (शंकर)
- लम्बा है उदर जिनका = लम्बोदर (गणेश जी)
- मुरली को धारण करनेवाले = मुरलीधर (कृष्ण)
6. अव्ययीभाव समास
अव्ययीभाव समास ➦ जिस सामसिक शब्द का रूप कभी नहीं बदलता है, उसे अव्ययीभाव समास कहा जाता हैं।
जैसे ➦
- दिन-दिन = प्रतिदिन।
- जन्म भर = आजन्म।
- बिना अर्थ का = व्यर्थ।
समास के छह भेदों के अतिरिक्त एक अन्य भेद ‘नञ समास’ भी माना जाता हैं।
नञ समास ➦ निषेध या अभाव आदि अर्थ में जब ‘पहला पद’ ‘अ, अन, न’ और ‘ना’ आदि हो तथा ‘दूसरा पद’ संज्ञा या विशेषण हो, तो नञ समास होता हैं।
जैसे ➦
न भाव = अभाव, न समर्थ = असमर्थ, न अन्त = अनन्त, न न्याय = अन्याय, नमोल = अनमोल, न अर्थ = अनर्थ आदि।
अंतिम विचार – Final Thoughts
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