Swar Varn in Hindi: आज के इस लेख में वर्ण विचार या वर्ण के पहले प्रकार स्वर वर्ण (Swar Varn) के बारे में बता रहा हूँ। जिसमे आप स्वर किसे कहते हैं, स्वर के कितने प्रकार होते हैं और स्वर की परिभाषा क्या होती हैं इत्यादि के बारे में अच्छे से पढ़ सकते हैं।
Swar Varn in Hindi | स्वर की परिभाषा और प्रकार क्या होती हैं, स्वर किसे कहते हैं।
हमने अपने पिछले आर्टिकल में पढ़ा था की Vyanjan Varn in Hindi – व्यंजन वर्ण किसे कहते हैं और व्यंजन वर्ण के कितने भेद होते हैं। –
- स्वर वर्ण
- व्यंजन वर्ण
Swar Varn (स्वर वर्ण) – स्वर वर्ण उस वर्ण को कहा जाता है, जिसका उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता हैं।
स्वर वर्ण के उदाहरण – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
Swar Ke kitne Bhed Hain – स्वर के कितने प्रकार होते हैं।
उच्चारण के विचार से स्वर के 3 तीन भेद होते हैं –
- ह्रस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
1. ह्रस्व स्वर – जिस स्वर के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगे या जिसका उच्चारण हल्का हो, उसे ह्रस्व स्वर कहते हैं।
जैसे –
अ, इ, उ, ऋ।
➨ ह्रस्व स्वर को ‘मूल’ स्वर भी कहा जाता हैं।
2. दीर्घ स्वर – जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दो गुना समय लगे, उसे दीर्घ स्वर कहते हैं।
जैसे➦
आ, ई, ऊ।
3. प्लुत स्वर – जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में ह्रस्व स्वर की अपेक्षा तिगुना समय लगे, उसे प्लुत स्वर कहते हैं।
जैसे➦
हे राम३।
➨ प्लुत स्वर में हिंदी का तीन 3 (Three) लगाया जाता हैं इसका अर्थ होता हैं तिगुना समय का लगना।
ये ऊपर दिए गए तीन प्रकार के स्वर वर्ण के मुख्य भेद हैं अब हम बाकि बचे दो स्वर वर्ण के बारे में भी पढ़ लेते हैं।
अनुनासिक स्वर – जब स्वर वर्ण का उच्चारण नाक से किया जाता हैं, तो उसे अनुनासिक स्वर वर्ण कहा जाता हैं।
जैसे➦
आँगन, अँधेरा, दाँत, गाँव आदि।
सयुंक्त स्वर – वह स्वर वर्ण जो दो या दो से अधिक स्वर वर्णों के मिलने से बनता हैं, उसे सयुंक्त स्वर वर्ण कहा जाता हैं।
जैसे➦
अ, आ + इ, ई = ए
अ, आ + उ, ऊ = ओ
अ, आ + ए, ऐ = ऐ
अ, आ + ओ, औ = औ
अ + ां = अं
अ + : = अः
अंतिम विचार – Final Thoughts
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