हमने अपने पिछले Hindi Grammar के लेख में संधि के भेद और उदाहरण के बारे में पढ़े थे। आज के इस लेख में व्याकरण के तीसरे खंड वाक्य (Vakya Vichar in Hindi) विचार के बारे में पढ़ेंगे।
इस लेख में Vakya Vichar in Hindi (वाक्य विचार) के बारे में बताया गया हैं जिसमे आप वाक्य विचार क्या हैं इसका परिभाषा क्या होता हैं और इसके प्रकार आदि के बारे में पढ़ेंगे।
Vakya Vichar Kise Khahte Hain | वाक्य विचार किसे कहते हैं?
Vakya Vichar in Hindi (वाक्य विचार) – वाक्य विचार व्याकरण का वह भाग हैं, जिसमे वाक्य की परिभाषा, वाक्य के अंग, वाक्य के भेद, वाक्य रचना आदि पर विचार किया जाता हैं, उस भाग को वाक्य विचार कहते हैं।
वाक्य किसे कहते हैं।
नियम के अनुसार सजाए गए सार्थक शब्दों के समूह जिसका कुछ अर्थ हो, उसे वाक्य कहते हैं।
Vakya Ke Kitne Parkar Hote Hain – वाक्य के कितने प्रकार होते हैं।
हिंदी व्याकरण में वाक्य के दो प्रकार होते हैं –
पहला 1. रचना की दृस्टि से और दूसरा 2. अर्थ की दृस्टि से।
रचना की दृस्टि से वाक्य के प्रकार:-
रचना की दृस्टि से वाक्य के तीन भेद हैं ➦
(क.) सरल वाक्य – जिस वाक्य में एक ही क्रिया होती है, उसे वाक्य को सरल वाक्य कहा जाता हैं।
जैसे ➦
राम आता हैं।
(ख.) मिश्र वाक्य – जिस वाक्य में एक सरल वाक्य के अलावे उसका कोई अंग वाक्य भी हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
वह कौन-सा आदमी हैं, जिसमे स्वामी विवेकानंद का नाम नहीं सुना हैं।
(ग.) संयुक्त वाक्य ➦ जिस वाक्य में सरल वाक्य एवं मिश्र वाक्य का मेल संयोजक अव्ययों द्वारा होता है, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
मैं खाकर सोया की पेट में दर्द आरम्भ हो गया और दर्द इतना बढ़ा की मैं बेहोश हो गया।
अर्थ की दृस्टि से वाक्य के प्रकार:-
अर्थ की दृस्टि से वाक्य के आठ भेद हैं –
(क.) विधिवाचक वाक्य – जिस वाक्य से किसी बात के होने का बोध हो, उसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
श्याम गया।
(ख.) निषेधवाचक वाक्य – जिस वाक्य से किसी बात के न होने का बोध हो, उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
वह नहीं गया।
(ग.) आज्ञावाचक वाक्य – जिससे आज्ञा या हुक्म देने का बोध हो, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
तुम घर जाओ।
(घ.) प्रश्नवाचक वाक्य – जिस वाक्य से किसी प्रकार के प्रश्न पूछे जाने का बोध हो, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
कहाँ करते हो ?
(ड़) विस्मयबोधक वाक्य – जिस वाक्य से आश्चर्य, दुःख, शोक, हर्ष आदि का बोध हो, उसे विस्मयबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
आह! मैं पिट गया!
(च.) संदेहबोधक वाक्य – जिस वाक्य से संदेह या शंका जाहिर हो, उसे संदेहबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
वह पटना गया होगा।
(छ.) इच्छाबोधक वाक्य – जिस वाक्य से इच्छा या शुभकामना का बोध हो, उसे इच्छाबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
भगवान तुम्हारा भला करे।
(ज.) संकेतवाचक वाक्य – जहाँ एक वाक्य, दूसरे वाक्य की संभावना पर निर्भर हो, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे ➦
तुम आते, तो मैं अवश्य जाता।
अंतिम विचार – Final Thoughts
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